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Buddh Charit by Madhukar Piplayan

Original price was: ₹225.00.Current price is: ₹200.00.

  • Page :252
  • Samyak Prakashan
  • ISBN : 9789390841363

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Description

निःसंदेह विश्वविश्रुत बौद्ध विद्वान महोपासक मधुकर पिपलयान (Buddh Charit by Madhukar Piplayan ) बौद्ध जगत के सबसे प्रतिष्ठित एवं विश्वसनीय साहित्यकारों में से एक हैं। उन्होंने अपने साहित्य को जिस शैली में परोसा, उससे प्रभावित होकर उनका एक विशाल पाठक वर्ग उनके प्रशंसक के रूप में खड़ा हो गया है।

उनकी पिछली ज्ञानपरक पुस्तक आई थी-‘पंजाब में बौद्ध धर्म’। इस पुस्तक के प्रकाशकीय में बहुत दुखी मन से हमने लिखा था, “नेत्र रोग के कारण अब वे (पिपलायन जी) लिखने-पढ़ने में असमर्थ हो गए हैं। लगभग 80 वर्ष की आयु में पिपलायन जी जब भी मिलते हैं तो यही पूछते हैं कि ‘क्या मेरे जीवित रहते यह पुस्तक छप पाएगी?’ उनके मर्मिक शब्दों को सुनकर हमें पश्चाताप-सा होने लगा, अपराध-बोध भी सताने लगा। खैर एक-एक करके सारी बाधाएं दूर हुई और (अंततः) सन 2013 में उनकी पुस्तक ‘पंजाब में बौद्ध धर्म’ के प्रकाशित होने का मार्ग प्रशस्त हुआ।

उक्त तथ्यों के प्रकाश में हम सभी ने यह मान लिया था कि ‘पंजाब में बौद्ध धर्म’ पुस्तक पिपलायन जी के जीवन की अन्तिम पुस्तक (बुद्ध चरित्र मधुकर पिपलयान हिन्दी किताब ) के रूप में जानी जाएगी। मगर एक दिन जनवरी, 2017 में पिपलायन जी ने हमें यह बताकर स्तब्ध कर दिया कि ‘मैंने ‘बुद्ध-चरित’ नाम से एक बुद्ध जीवनी तैयार की है, आप उसे मंगवा लें।’ पुस्तक देखकर हमें बहुत आश्चर्य हुआ।

इस अप्रतिम सफलता के बारे में जिज्ञासा व्यक्त करने पर उन्होंने अपनी स्वाभाविक मृदुल मुस्कान बिखरते हुए बताया कि “मेरे पास बहुत से नोट्स, कुछ आलेख काफी दिनों से पड़े हुए थे। मैंने अपनी पत्नी और बच्चों से पढ़वा-पढ़वाकर उन्हें क्रमबद्ध कर दिया। और जीवनी लेखन की दृष्टि से जहां कहीं क्रम भंग हो रहा था, वहां-वहां मैंने मौखिक रूप से बोल-बोलकर पुस्तक का तारतम्य स्थापित कर दिया। पुस्तक जैसी भी बन पड़ी है। यह अब आप ही जानें और आप ही सम्भालें।

Additional information

Weight 0.500 kg
Dimensions 15 × 3 × 8 cm

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